बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्‍सो) अधिनियम, 2012 में किया बड़ा संशोधन, अब लैंगिक भेदभाव नहीं !

POCSO
The Protection of Children from Sexual Offences Act

मुख्य तथ्य -: The Protection of Children from Sexual Offences (POCSO) पोक्‍सो अधिनियम 2012 को बच्‍चों के हित एवं भलाई की सुरक्षा को ध्‍यान रखते हुए,यौन अपराध, यौन उत्‍पीड़न एवं पोर्नोग्राफी से संरक्षण प्रदान करने के लिए लागू किया गया था। यह अधिनियम 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों पर लागू होता है, इस अधिनियम में दिसम्बर 2018 में संशोधन के बाद अब लैंगिक भेदभाव नहीं है।

इस अधिनियम की धारा – 4, धारा – 5 एवं धारा – 6 में संशोधन करने का प्रस्‍ताव रखा गया है, ताकि अब 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों को यौन अपराध से सुरक्षा प्रदान करने एवं आक्रामक यौन अपराध करने के मामले में मृत्‍युदंड सहित कठोर दंड का विकल्‍प दिया किया जा सके।

प्राकृतिक संकटों एवं आपदाओं के समय बच्‍चों को यौन अपराधों से संरक्षण एवं जल्‍द यौन परिपक्‍वता हेतु बच्‍चों को किसी भी तरीके से हार्मोनल  या किसी रासायनिक पदार्थ खिलाने के मामले में इस अधिनियम की धारा – 9 में संशोधन करने का भी प्रस्‍ताव रखा गया है।

बच्‍चों की पोर्नोग्राफिक सामग्री को नष्‍ट न करने/डिलिट न करने/ रिपोर्ट करने पर धारा – 14 एवं धारा-15 में संशोधन का प्रस्‍ताव रखा गया है ऐसे व्‍यक्ति को इस प्रकार की सामग्री का प्रसारण/प्रचार/किसी अन्‍य तरीके से प्रबंधन करने सम्बंधी  मामले में जेल या जुर्माना या दोनों सजाएं देने का प्रस्‍ताव रखा गया है।